Gwalior Political News: गौरव दिवस से संकेत,विधानसभा चुनाव अटलजी के नाम का सहारा लेगी भाजपा
ग्वालियर। देश की राजनीति में अटलजी इकलौता नाम है, जिसके नाम पर कोई दल व नेता उंगली नहीं उठा सकता है। अंचल की राजनीति यहां के लोगों से अटलजी का अटूट रिश्ता है। क्षेत्र के लोग अटलजी के अपने गौरव के रूप में भी देखते हैं। क्योंकि उनका जन्म से लेकर शिक्षा-दीक्षा भी ग्वालियर में हुई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में मात खाने के बाद भाजपा अब 2023 के चुनाव अटलजी के नाम का उपयोग करने का पूरा मन बना चुकी है। क्योंकि गौरव दिवस मनाने को लेकर आंतरिक रूप से भाजपा चले घमासान पर दिल्ली ने दखल देकर साफ कर दिया कि अटलजी के नाम पर कोई किंतु-परंतु नहीं चलेगा। दिल्ली से मिली हरी झंड़ी के बाद प्रदेश सरकार ने अटलजी के जन्मदिन पर ग्वालियर का गौरव दिवस मनाने के लिये पूरी ताकत लगा दी। सिरौल पहाड़ी पर अटल स्मारक बनाने के जमीन संबंधी दस्तावेज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांस्कृति विभाग को सौप दिये। अब अटल स्मारक के लिये डीपीआर बनकर काम शुरु होना है।
अंचल की राजनीति के दो ही केंद्र अटलजी और राजमाता
अंचल की राजनीति के दो ही प्रमुख केंद्र रहे हैं। राजमाता विजया राजे सिंधिया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी। चूकि कांग्रेस की राजनीति महल पर केंद्रित रहती थी। अब जयविलास पैलेस के मुखिया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा चुनावी रण के प्रमुख युद्ध है। ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा किसी एक नाम के सहारे चुनाव नहीं लड़ेगी इसलिये भाजपा को एक ऐसे नाम की तलाश थी, जिसका उपयोग भाजपा चुनाव में कर सके राजमाता की संघर्ष के नाम पर चुनाव लड़ने के भाजपा के कुछ नेता पक्ष में नहीं है। इसलिये अब सर्वमान्य अटलजी का नाम सामने आया है।
भाजपा अटलजी की दूरगामी दृष्टि का चुनाव प्रचार में उपयोग करेगी
भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद, विकास कार्यों के साथ अटलजी की विकास संबंधी दूरगामी दृष्टि का उपयोग करेगी। भाजपा के चुनाव प्रचार में भाजपा के वर्तमान नीति निर्धारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ भाजपा का अतीत के रूप में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम का उपयोग करेगी। प्रभाव वाले क्षेत्रों में राजमाता विजया राजे सिंधिया का भी उपयोग किया जायेगा। कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिये पितृ पुरूष कुुशभाऊ ठाकरे के नाम का भी उपयोग करेगी। अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के चुनाव प्रचार में अटलजी प्रमुखता से नजर आयेंगें।
चुनाव से पहले अटल स्मारक अस्तिव में आ सकता है
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कई स्मृतियां जुड़ी हैं। उन्हें संजोने के लिये सिरौल पहाड़ी पर अटल स्मारक को अस्तिव में लाने का प्रदेश सरकार पूरा प्रयास करेगी। ताकि लोग अटल जी के माध्यम से भाजपा के और करीब आकर भरोसा जता सके।